मसूद अजहर ने छीन लिए भारत मां के 44 सपूत, कभी हिंदुस्तान की सरकार ने ही किया था उसे रिहा
इससे पहले साल 2016 में हुए पठानकोट एयरबेस आतंकी हमले और सितंबर 2016 में हुए उरी हमले का भी मास्टर माइंड मसूद ही रहा है।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में शहीद हुए जवानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। खबर लिखे जाने तक इस हमले में सीआरपीएफ के 44 जवानों के शहीद होने की खबर है। उरी हमले से भी बड़ा ये अटैक न हुआ होता अगर हालात साथ देते और 1999 में एक शख्स की रिहाई भारत सरकार रोक पाती।
भारत के लिए नासूर बन चुका है हमले का मास्टरमाइंड
अब तक हुए इस सबसे बड़े आतंकी हमले की जैश-ए-मोहम्मद संगठन ने जिम्मेदारी ली है। संगठन ने कश्मीरी न्यूज एजेंसी जीएनएस को एक टेक्स्ट मैसेज कर इस हमले का दावा किया है। इसके अलावा इस आतंकी संगठन ने एक वीडियो भी जारी किया है। आपको बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया वही मसूद अजहर है जो आज भारत के लिए नासूर बन चुका है।
पहली बार वर्ष 1994 में भारत ने सुना था मसूद अजहर का नाम
मसूद अजहर ने इससे पहले भी देश में कई बड़े हमले करा अपने नापाक मंसूबे कामयाब किये हैं। इससे पहले साल 2016 में हुए पठानकोट एयरबेस आतंकी हमले और सितंबर 2016 में हुए उरी हमले का भी मास्टरमाइंड मसूद ही रहा है। पठानकोट आतंकी हमले से पहले मसूद अजहर का नाम भारत में पहली बार वर्ष 1994 में सुना गया था। यही नहीं मसूद अजहर वही आतंकी है जिसे साल 1999 में एयर इंडिया की फ्लाइट आईसी814 की हाइजैकिंग के समय भारत ने छोड़ दिया था।
इसलिए करना पड़ा था रिहा
1968 में पाकिस्तान के बहावलपुर में जन्मा मसूद अपने माता-पिता की 10वीं संतान है। उसके पिता एक स्कूल में हेडमास्टर थे। मसूद अजहर के परिवार का बहावलपुर में ही डेयरी और पॉल्ट्री का बिजनेस था। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद मसूद अजहर को कराची के बानूरी के जामिया उलूम-उल-इस्लामिया में भेजा गया। यहीं से उसने आतंकी गतिविधियों में शामिल होना शुरू कर दिया था। बाद में मसूद अजहर ने हरकत-उल-मुजाहिदीन की तरफ से सोवियत-अफगान युद्ध में भाग लिया। वह पैसे जुटाकर आतंकियों की भर्ती करता था। उसने सोमालिया के आतंकी संगठनों के लिए फंड इकट्ठा किया और उनके लिए काम किया। साल 1994 में भारत सरकार ने श्रीनगर से उसकी गिरफ्तारी की, लेकिन साल 1999 में भारत को उसे एयर इंडिया फ्लाइट की हाइजैकिंग के बाद रिहा करना पड़ा। भारत की संसद पर हुए आतंकी हमले के पीछे भी उसका हाथ माना जाता है।
मसूद अजहर ने छीन लिए भारत मां के 44 सपूत