पुलवामा अटैक : IED ब्लास्ट क्या होता है और कैसे किया जाता है? Pulwama Attack IED (Improvised Explosive Device) Bomb Blast – What is IED Bomb Blast ?
जम्मू&कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को जैश-ए-मुहम्मद ने CRPF के काफिले पर IED ब्लास्ट किया है. इसमें भारत के लगभग 40 जवान शहीद हुए. यह धमाका इतना भयानक था कि पूरी बस के परखच्चे उड़ गये हैं. अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह IED ब्लास्ट होता क्या है और यह किस तरह बनाया जाता है.
क्या होता है IED बम: Pulwama Attack IED (Improvised Explosive Device) Bomb Blast
IED का फुल फॉर्म होता है ‘Improvised Explosive Device'(यानी इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस). IED एक तरह के बम होते हैं जो मिलिट्री के बमों से अलग तरीके से बनाए जाते हैं. इन IED को काम चलाऊ बम भी कहा जाता है. इन बमों में विषैले, घातक, पटाखे बनाने वाले और आग लगाने वाले केमिकल डाले जाते हैं. इन IED में विस्फोटक की मात्रा को बढ़ाकर इसे और भी खतरनाक बनाया जाता है.
IED ब्लास्ट होते ही मौके पर अक्सर आग लग जाती है जिससे विस्फोट के बाद बहुत धुंआ निकलता है और आतंकी या नक्सली इसी का फायदा उठा कर भागने में कामयाब भी हो जाते हैं.
IED बम के 5 मुख्य हिस्से होते हैं इसमें शामिल हैं;
1. स्विच (एक्टिवेटर)
2. कंटेनर (बॉडी)
3. एक सर्जक (फ्यूज)
4. एक पावर का स्त्रोत (बैटरी) और
5. चार्ज (विस्फोटक)
IED से विस्फोट करने के लिए रिमोट कंट्रोल, प्रेशर-सेंसिटिव बार्स या ट्रिप वायर, इंफ्रारेड या मैग्नेटिक ट्रिगर्स जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है. कई बार इन्हें सड़क के किनारे तार की मदद से बिछाया जाता है.
इन बमों को और भी खतरनाक बनाने के लिए इनमें कीलें, नाखून, बॉल बेयरिंग या छोटे कंकड़ डाले जाते हैं ताकि ये कुछ दूर बैठे व्यक्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा सकें. IED विस्फोट से लगने वाली चोटों को ‘डिसमाउंटेड कॉम्प्लेक्स ब्लास्ट इंजरी’ कहते हैं जो युद्ध में अब तक की सबसे बुरी चोट मानी जाती है.
IED बमों का प्रयोग क्यों बढ़ा है?
1. IED को काम चलाऊ बम भी कहा जाता है क्योंकि ये कम पैसों में और जल्दी तैयार हो जाते हैं. भारत में माओवादियों द्वारा IED का बहुत बार प्रयोग किया जाता है.
2. इन्हें इस तरह से बनाया जाता है कि इस पर पांव पड़ने या गाड़ी का पहिया पड़ने से ही ये फट जाते हैं.
3. इन बमों का प्रयोग अक्सर सड़क के किनारे किया जाता है क्योंकि सुरक्षा बलों के जवान अक्सर गाड़ियों से इधर-उधर गश्ती पर आते-जाते रहते हैं.
4. इन बमों का प्रयोग विरोधियों को रोकने और तितर-बितर करने के लिए भी किया जाता है.
आप समझ गए होंगे कि IED को किस प्रकार बनाया जाता है और वर्तमान में आतंकी और नक्सली गतिविधियों में इसका उपयोग क्यों बढ़ता जा रहा है.