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राफेल मामला : राफेल पर कैग रिपोर्ट संसद में पेश || CAG Report on Rafale

राफेल पर कैग रिपोर्ट संसद में पेश CAG Report on Rafale

राफेल मामला : राफेल पर कैग रिपोर्ट संसद में पेश || CAG Report on Rafale , What is CAG, Read everything about CAG || राज्यसभा में राफेल विमान सौदे पर कैग रिपोर्ट पेश की, क्या है कैग (What is CAG)

कैग की रिपोर्ट (CAG Report)

राज्यसभा में राफेल विमान सौदे पर कैग रिपोर्ट पेश की. केंद्रीय मंत्री पी. राधाकृष्णन ने इस डील को पेश किया. राज्यसभा में पेश CAG रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार ने जो राफेल विमान की डील की है, वह सस्ती है.

रिपोर्ट के अनुसार, राफेल डील 2.86 फीसदी सस्ती है.

हालांकि, राफेल की कीमत UPA सरकार के जितनी ही है. हालांकि, रिपोर्ट में विमान के दाम नहीं बताए गए हैं.
CAG की रिपोर्ट से मोदी सरकार का वो दावा भी खारिज होता है, जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार ने राफेल विमान 9 फीसदी सस्ता खरीदे हैं.

इसके अलावा इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एनडीए सरकार की डील के अनुसार राफेल विमान की डिलीवरी तय समय से काफी पहले हो रही थी. एक ओर पिछली डील में जहां 72 महीने का समय लग रहा था लेकिन अब सिर्फ 71 महीने का समय लग रहा है.

इसमें_से_भी 18 विमान 5 महीने पहले ही भारत में पहुंच जाएंगे. रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2016 में सोवरन गारंटी और लेटर ऑफ कम्फर्ट पेश की गई थी.

जिसमें तय हुआ था कि लेटर ऑफ कम्फर्ट को फ्रांस के प्रधानमंत्री के समक्ष रखा जाएगा.

सरकार_की_CAG_रिपोर्ट

कैग रिपोर्ट में भारतीय एयर फोर्स की कई डील के बारे में जानकारी साझा की गई हैं. इन्हीं में राफेल डील भी एक हिस्सा है.
कैग की इस रिपोर्ट में राफेल विमान के दामों के बारे में नहीं बताया गया है, जबकि विपक्ष दाम के मुद्दे पर ही केंद्र सरकार को घेर रहा है.
रिपोर्ट में डिफेंस डील के हर पैरामीटर को परख कर आंकड़े दिए गए हैं.

रिपोर्ट_के_बड़े_प्वाइंट्स

रिपोर्ट में दामों को साफ तौर पर तो नहीं बताया गया है, लेकिन राफेल सौदे के दौरान मार्केट के क्या हालात थे और बाजार में किस तरह के दाम चल रहे थे, उनके बारे में भी बताया गया है.

राफेल सौदा CAG की रिपोर्ट का महज एक हिस्सा है. CAG ने एक साथ अब तक के वायु सेना के 11 रक्षा खरीद सौदों का ऑडिट किया है.

इस रिपोर्ट में रक्षा खरीद के सभी पैरामीटर के आधार पर राफेल डील का मूल्यांकन किया गया है. सूत्रों के मुताबिक सीएजी ने रक्षा खरीद सौदों का एक ‘तुलनात्मक मूल्यांकन’ किया है.

भारत_का_नियंत्रक_महालेखा_परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India – CAG)

नियंत्रक-महालेखा परीक्षक का उत्तरदायित्व कर-दाता के हितों को सुरक्षित रखना है। भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक को राष्ट्रीय वित्त का संरक्षक कहा जाता है।
भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक का कार्यालय 9 दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर नई दिल्ली में स्थित है।

भारत सरकार के अंतर्गत यह अत्यधिक महत्वपूर्ण पद है, जिसके द्वारा देश की समस्त वित्तीय प्रणाली को नियंत्रित किया जाता है। भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की व्यवस्था की व्याख्या संविधान_के_भाग_5 में की गई है।
सरकारी खजाने में जो पैसा खर्च हो रहा है, वह क्या सही और जिनको लाभ मिलना चाहिय उन्हें वो लाभ मिल रहा या नहीं इसकी जांच बारीकी से कैग करता है। कैग बजट की छानबीन भी करता है खासकर राजस्व की।

कैग_का_रोल_क्या_है (Role of CAG)

इसका मेन रोल सेंटर और स्टेट के सभी सरकारी विभागों और दफ्तरों के अकाउंट्स का ऑडिट करना और चेक करना है। इन विभागों और दफ्तरों में रेलवे, पोस्ट एंड टेलिकॉम भी शामिल हैं। यह सरकार की खुद की कंपनियों या उसकी तरफ से फाइनैंस होने वाली कंपनियों के खातों की भी स्क्रूटनी करता है। सेंटर और स्टेट गवर्नमेंट के अंदर लगभग 1,500 पब्लिक कमर्शल कंपनियां और लगभग 400 नॉन कमर्शल ऑटोनॉमस बॉडीज और अथॉरिटीज आती हैं। यूनियन और स्टेट रेवेन्यू की तरफ से फाइनैंस पाने वाली 4,400 अथॉरिटीज और बॉडीज भी कैग के दायरे में आती हैं।

कैग_कैसे_काम_करता_है (What is the work of CAG)

कैग ऑडिट को दो वर्गों – रेग्युलेरिटी ऑडिट और परफॉर्मेंस ऑडिट में बांटा गया है। रेग्युलेरिटी ऑडिट (जो कम्पलायंस ऑडिट भी कहलाता है) में फाइनैंशल स्टेटमेंट का ऐनालिसिस किया जाता है और देखा जाता है कि उसमें सभी नियम-कानून का पालन किया गया है नहीं। परफॉर्मेंस ऑडिट में कैग यह चेक करता है कि क्या सरकारी प्रोग्राम शुरू करने का जो मकसद था, वह कम से कम खर्च में सही तरीके से हासिल हो पाया है नहीं।

क्या_कैग_स्वतंत्र_है

कैग भारत के संविधान द्वारा स्थापित अथॉरिटी है और यह सरकार के प्रभाव क्षेत्र से बाहर है। इसे सरकार की आमदनी और खर्च पर नजर रखने के लिए बनाया गया है। कैग की नियुक्ति देश के राष्ट्रपति द्वारा होती है और पद से हटाने की प्रक्रिया वैसी ही है, जैसी सुप्रीम कोर्ट के जज के मामले में अपनाई जाती है। इसकी सैलरी और सेवा की दूसरी शर्तें संसद द्वारा तय होती हैं और नियुक्ति के बाद उसमें इस तरह बदलाव नहीं किया जा सकता जिससे इसको नुकसान हो। कैग के ऑफिस के प्रशासनिक खर्चे कंसॉलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया से निकाले जाते हैं।

कैग_के_रिपोर्ट_देने_के_बाद_क्या_होता_है (CAG Report)

कैग अपनी रिपोर्ट संसद और विधानसभाओं की कई समितियों जैसे पब्लिक अकाउंट्स कमेटी और कमेटी ऑन पब्लिक अंडरटेकिंग्स को देता है। ये कमिटी रिपोर्ट की स्क्रूटनी करती हैं और फैसला करती हैं कि क्या उसमें सभी पॉलिसी का पालन किया गया है। वह यह भी देखता है कि क्या किसी सरकारी निकाय की तरफ से कोई गड़गड़ी तो नहीं की गई है। फिर मामले को चर्चा के लिए संसद में पेश किया जाता है और उस पर कार्रवाई की जाती है।

कैग_के_कार्य_एवं_शक्तियां (Work and Power of CAG )

अनुच्छेद 149 कैग के कर्तव्यों और शक्तियों को निर्धारित करने के लिए संसद को अधिकृत करता है।
भारत का नियंत्रक-महालेखा परीक्षक संघ और राज्यों के लेखों के संबंध में ऐसे कर्तव्यों का पालन और ऐसी शक्तियों का प्रयोग करेगा जो संसद द्वारा विहित किए जाएं। अनुच्छेद-148से 151 के अंतर्गत नियंत्रक महालेखा परीक्षक के कर्तव्यों और शक्तियों का उल्लेख किया गया है।

भारत_के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक के कार्यों और शक्तियों के प्रयोग में स्वतंत्रता के उद्देश्य से 1971 में एक अधिनियम पारित किया गया, जिसे 1976 में संशोधित करके नियंत्रक-महालेखा परीक्षक के कर्तव्यों के परिप्रेक्ष्य में कुछ उपबंध निश्चित किए गए,
जो_इस_प्रकार_हैं 

भारत और प्रत्येक राज्य तथा विधान सभा या प्रत्येक संघ राज्यक्षेत्र की संचित निधि से सभी प्रकार के व्यय की संपरीक्षा और उन पर यह प्रतिवेदन कि क्या ऐसा व्यय विधि के अनुसार है।

संघ और राज्यों की आकस्मिकता निधि और लोक लेखाओं से हुए सभी व्ययों की संपरीक्षा और उन पर प्रतिवेदन।

संघ या राज्य के विभाग द्वारा किए गए सभी व्यापार तथा विनिर्माण के हानि और लाभ लेखाओं की संपरीक्षा और उन पर प्रतिवेदन।

संघ और प्रत्येक राज्य की आय और व्यय की संपरीक्षा जिससे कि उसका यह समाधान हो जाए की राजस्व के निर्धारण, संग्रहण और उचित आबंटन के लिए पर्याप्त परीक्षण करने के उपरांत नियम और प्रक्रियाएं बनाई गई हैं।

संघ और राज्य के राजस्वों द्वारा पर्याप्त रूप से वित्त पोषित सभी निग्कयों और प्राधिकारियों की, सरकारी कंपनियों की, अन्य निगमों या निकायों की, जब ऐसे निगमों या निकायों से संबंधित विधि द्वारा इस प्रकार अपेक्षित हो, प्राप्ति और व्यय की संपरीक्षा और उस पर प्रतिवेदन।

कानून के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर, अन्य संस्थाएं का ऑडिट वह राष्ट्रपति अथवा राज्यपाल के अनुरोध पर अन्य किसी संस्था के खाते का ऑडिट (लेखा परीक्षा) करता है

कैग_के_कुछ_तथ्य Facts related to CAG

  • अनुच्छेद 148 से 151 में कैग के शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन किया गया है।
  • कैग की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति के द्वार की जाती है और इसे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश को जिस प्रकार से हटाया जाता है उसी प्रकार से हटाया।
  • कैग भारत सरकार और राज्य सरकार के व्यय के खातो की लेखा जांचना करने का उत्तरदायी होता है,
  • कैग सुनिश्चित करता है की धन का विवेकपूर्ण ढंग से, विधि पूर्वक वैध साधनों के माध्यम से उपयोग किया गया है और वित्तीय अनियमित्ता की भी जांच करता है।
  • इसका कार्य कल 6 वर्ष होता है और सेवानिवृत्त होने की आयु 65 वर्ष होती है दोनो मे जो पेहले हो जय
  • कैग के हाथों में मामलो आने के बाद वह किसी अन्य सरकारी या सावर्जनिक पद को ग्रहण करने का अधिकारी नहीं होता है।
  • कैग के रूप में नियुक्त व्यक्ति तीसरी अनुसूची में दिए प्रयोजन के अनुसार, अपना कार्यभार सँभालने से पूर्व राष्ट्रपति के समक्ष शपथ लेते है।
  • वर्तमान_समय में  राजीव महर्षि भारत के 13 वें नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक हैं।
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